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इन्दौर के लिये वाह! शब्द तो बनता ही हैं , क्योंकि मोदीजी के “स्वच्छ भारत अभियान” के सपने को साकार करने की कोशिश में स्वच्छ शहरों की श्रेडी में सबसे आगे रहा हैं।
जिसके फलस्वरूप इस बार राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की इकाई ने, मध्य प्रदेश के इन्दौर शहर को लगातार चौथी बार देश का सबसे स्वच्छ शहर होने की घोषड़ा की हैं।
- पहला स्थान – इन्दौर (मध्य प्रदेश)
- दूसरा स्थान – सूरत (गुजरात)
- तीसरा स्थान – नवी मुम्बई (महाराष्ट्र)
केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने “स्वच्छता महोत्सव” नाम से आयोजित समारोह में इसकी घोषणा की। सर्वेक्षण में इस बार देश के 4242 शहरों को शामिल किया गया था। समारोह में कुल 129 शहरों को पुरस्कृत किया गया। स्वच्छता सर्वेक्षण की शुरुआत 2016 में 73 शहरों से की गयी थी जो 2017 में 434 शहरों तक पहुंच गया।
राष्ट्रीय रैंकिंग:
National Ranking में १० लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को रखा गया था।
- इन्दौर (मध्य प्रदेश)
- सूरत (गुजरात)
- नवी मुम्बई (महाराष्ट्र)
- विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश)
- अहमदाबाद (गुजरात)
- राजकोट (गुजरात)
- भोपाल (मध्य प्रदेश)
- चंडीगढ़ (चंडीगढ़)
- विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश)
- बड़ोदरा (गुजरात)
गंगा टाउन:
Ganga Town में १ लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों को रखा गया था।
- वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
- कानपुर (उत्तर प्रदेश)
- मुंगेर (बिहार)
- प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
- हरिद्वार (उत्तराखंड)
- हल्दिया (पश्चिम बंगाल)
- मिर्जापुर-विंध्याचल (उत्तर प्रदेश)
- बैरकपुर (पश्चिम बंगाल)
- गढ़मुक्तेश्वर (उत्तर प्रदेश)
- महेश्तला (पश्चिम बंगाल)
कैसे आकाश में सूराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों। इन्दौर के लोगों व सरकारी तंत्र ने ये कविता चरितार्थ कर दी है। शहर वासियों को अक्सर हम किसी भी मौसम में सफाई करते देख सकते हैं। हम सभी देशवासियों को इन्दौर के लोगों से सीख लेनी चाहिए कि केवल सफाई कर्मचारियों पर निर्भर रहने से कुछ नहीं होगा।
जन सहभागिता के कारण ही इन्दौर को यह गौरव प्राप्त हुआ है। अतः हमें भी अपनी सोच बदल लेनी होगी और सफाई कर्मचारियों पर ही निर्भर न रहकर स्वयं भी अपने घर, गाँव, शहर, प्रदेश व देश को स्वच्छ रखना होगा।
१० कारण, जिसकी बदौलत इन्दौर है पहले स्थान पे:
- आज का कचरा, आज ही खत्म।
- अलग-अलग कचरा।
- दो-तीन मशीनों से रात में सफाई।
- चार-पाँच हजार घरों में बना रहे कचरे से खाद।
- सिस्टम को किया गया मजबूत।
- सामुदायिक शौचालय।
- दूषित पानी का पुनर्उपयोग।
- थैला बैंक शुरू।
- कचरे से कमाई।
- अधिकारी सुबह 6 बजे से मैदान में।