How’s the जोश आप सब सोच रहे होंगे की, ये सवाल मैं आज क्यों कर रहा हूँ, क्योकि माहौल ही कुछ ऐसा बन गया हैं। १५ – अगस्त आ रहा है और हमारी “देश-भक्ति” का फायदा चीन की मोबाइल कंपनियां उठाने के फ़िराक में हैं और उनका साथ हमारी ‘इ-कॉमर्स कंपनियां ‘ , बखूबी देने की तैयारी में लगी हैं, इन्हें अबकी बार रोकते है न। क्योंकि ‘इ-कॉमर्स कंपनियां’ तो हमे फ़ोन बेच देंगी अपने वेबसाइट को तिरंगे की थीम दिखा कर । बस मैं ये ही याद दिलाना चाहता हूँ की हमें थीम में नहीं फंसना है।
कैसे रोके इन्हें :
हा मैं जानत हूँ थोड़ा मुश्किल तो है, लेकिन मुझे ये भी पता है की जब देश की बात आती है तो हर मुश्किल आसान सी लगती हैं। हम हर उस बाधा को पार कर जाते है जो हमसे हमारे देश को दूर करती हैं। तो फिर ये क्या चीज है बस इनके सभी उत्पादों को खरीदना बंद करें, यही इनका सही इलाज हैं। इसीलिए मैं ये पूछ रहा हूँ की आपका जोश कैसा है ?
हाउ द जोश “हाई सर”:
आप जोश “हाई सर” बोलने की स्थिति में हमेशा होने चाहिये। आपको पता ही हैं की चीन कितना बड़ा धोकेबाज हैं , हम कब तक धोखा खायेंगे। अगर हमे धोखे से बचना हैं, तो चीन का हर तरह से “सम्पूर्ण बहिष्कार” करना पड़ेगा। ये तभी मुमकिन है जब हम अपने अंदर वो जोश बरकरार रखे, जो कुछ दिन पहले तक चीन को लेकर था। क्योंकि मीडिया तो अब सब कुछ लगता है शायद भूल गया है, शायद अब उसके लिये इसमें कोई मसाला बचा नहीं है। जब फिर कुछ बड़ा होगा तो मीडिया वाले वापस आये। अभी तो खबर दब गई या छोटी न्यूज़ हो गई, न्यूज़ छोटी हैं अब वो बड़ी जब तक न बन जाये तब-तक वो खबर नहीं। लेकिन मेरे मानना है की छोटी खबर को बड़ी क्यों होने दे, छोटी पर ही ख़त्म करते है न बाद में फिर अगर बड़ी खबर हो गई तो फिर मुश्किल होगी।
हाउ द जोश मूवी संवाद:
ये संवाद ‘URI: द सर्जिकल स्ट्राइक’ मूवी में जिस तरह से विक्की कौशल ने बोला लोगो में एक अलग तरह का जोश पैदा कर देते हैं। ये जोश जो अब हमारे अंदर पैदा हो ही गए हैं तो इसकी विरासत में चीन को उड़ाने दो। देखिये थोड़ा मुश्किल तो हम होंगे लेकिन विकल्प हर बात का हमेशा होता है, आप विकल्प ढूंढिए आपको अच्छा विकल्प जरूर मिलेगा।
Sahi hai