हम सब को इस बार आजादी का मजा क्या होता हैं शायद समझ में आ ही गया। क्योंकि हम पिछले कुछ महीनों से आजाद होते हुये भी आजाद नहीं हैं। इस बार तो हमें गुलाम बनाने वाला, हमारा शत्रु हमें दिख भी नहीं रहा। तो हम इसलिए उससे ढंग से लड़ भी नहीं पा रहे, लेकिन इस लड़ाई में भी कुछ क्रांतिकारी रूपी (सच्चे देश भक्त और साहसी कोरोना वॉरियर) है वो हमें इस गुलामी से छुटकारा दिलाने की लगातार कोशिश किये जा रहे हैं।
लेकिन ये लड़ाई तो तभी ख़त्म होगी जब हम सब मिल कर लड़े, वो भी सच्चे मन्न से और सही ढंग से। आप सब को पता है वो तरीका। बस आपको उस पर चलते रहना है तब तक जब तक हम जीत न जाये।
किसी ने कहाँ है की “अगर आगे का रास्ता आपको नहीं दिख रहा तो , काम से कम वहाँ तक चलो जहाँ तक रास्ता दिख रहा हैं, आगे का रास्ता वहाँ जा कर दिख जाएगा।”
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