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Home/News/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या अदालत
News

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या अदालत

Bhanu
August 30, 2020
electronic media or court

कुछ मामलों में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया खुद ही फैसला सुनाकरअदालत बनता जा रहा है। मेरा बस इनसे इतना सा अनुरोध हैं कि आज ये TV चैनल कौन सही हैं कौन गलत इसका फैसला खुद ही करने लगे हैं। ये शायद इनका काम नहीं हैं, इनका जो मुख्य उद्देश्य होना चाहिए उससे लगता है कुछ भटक से गये हैं। TRP और सत्ता के खेल में बहुत कुछ छूटता सा जा रहा हैं।

प्राइम टाइम:

इस 135.26 करोड़ के आबादी वाले देश में कितनी शारी खबर होगी , लेकिन ये न्यूज़ चैनल प्राइम टाइम शो में टॉप-१०० न्यूज़ में टॉप -२५ तो केवल आज कल एक ही टॉपिक पे बात करते हैं , Sushant and Rhea जो पहले तो ठीक था पर अब नहीं।

हा, न्याय मिलना चाहिए सुशांत को उसके लिए जो मीडिया को करना था उसने कर दिया हैं।
अब सीबीआई को अपना काम करने दे , लेकिन मीडिया को चैन कहा हैं। किसी चैनल ने रिया का इंटरव्यू दिखा दिया तो दुशरे चैनल को इतना कष्ट की मत पूछिये, अरे भाई अगर रिया से मतलब नहीं है तो उसे छोड़ दो क्यों उसके पीछे भाग रहे हो। लेकिन इन्हें तो मतलब है, क्योंकि सच झूठ से भी ज्यादा TRP के चक्कर में ये पड़े हैं।

अगर वो जो भी कह रही है वो झूठ हैं तो फिर मीडिया उससे सवाल ही क्यों पूछ रही हैं, मत पूछो। मैं किसी का Support नहीं कर रहा हूँ , अब सीबीआई जांच कर रही हैं, वो तो सच बताएगी न फिर क्यों मीडिया हर एक छोटी सी चीज को ब्रेकिंग बोल कर पेश कर रहा हैं।

ब्रेकिंग न्यूज़ का चक्कर :

मुझे भी न्यूज़ का सेक्शन कभी पसंद था, मैं सोचता था की न्यूज़ में सच ही दिखाते हैं, पर आज ऐसा लगता हैं की ये जरुरी नहीं हैं की हर खबर सही हो, आज कल तो ब्रेकिंग न्यूज़ के चक्कर में ये सूत्रों के आधार पर न्यूज़ देते हैं। क्यों, क्योंकि ये बोलने के बाद ये अपनी गलती को छुपा या सुधार सकते हैं।

देश में कई सारे मुद्दे है उन्हें भी उठाया जा सकता हैं:

  • कई स्कूल और कॉलेज है जहाँ बच्चों से पूरी फीस ले रहे है, पर शिक्षकों को आधी फीस पर या बिना फीस के रखा हुआ हैं। इस पे कोई न्यूज़ नहीं हैं, क्योंकि ये स्कूल और कॉलेज किसी बड़े नेता या व्यवसायी का होगा।
  • हर दिन कितने लोग बेरोजगार हो रहे हैं, ये बताने वाला कोई नहीं है।
  • पूरे देश का युवा अपने भविष्य को लेकर ऊहापोह की परिस्थिति का सामना कर रहा हैं, उसके बारे में बात करने वाला कोई नहीं हैं।
  • जो पहले ही ४-५ महीनों से उलझे है उन्हें और मत उलझावो, अगर हो सके तो उनकी उलझन को सुलझावो।

ये कैसी News?

देश में कोर्ट है, तो मीडिया ट्रायल क्यों ?

Related tags : courtelectronic medianewsPrime timeRhea Chakrabortyrhea interviewSushant and RheaSushant and Rhea cbi investigationSushant Singh Rajput
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1 Comments

  1. Ashutosh says:
    December 25, 2021 at 9:55 pm

    Electronics media ki baat kre to sab bikau hai, isse achha to aap log ho jo ground level report leke aate ho.

    Din Duna raat chauguna bridhhi ho apki

    Reply

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