किसी भी देश का आधार वहाँ की शिक्षा व्यवस्था होती है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय जो अब “शिक्षा मंत्रालय” के नाम से जाना जायेगा, ने नई शिक्षा नीति 2020 की घोषणा कर दी है। 34 वर्षों बाद शिक्षा नीति 5 वर्षों तक विचार-विमर्श करने के बाद घोषित किया गया। शिक्षा नीति की घोषणा करने से पहले सुझाव भी मांगे गये। माननीय प्रधानमंत्री जी ने नई शिक्षा नीति के बारे में बताते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य आत्मनिर्भर युवा बनाने का है। अतः नई शिक्षा नीति Job Creators पैदा करेगी, Job Seekers नहीं।
गुरु रविन्द्रनाथ टैगोर ने कहा था कि – “उच्चतम् शिक्षा वह है जो हमें सिर्फ जानकारी नहीं देता बल्कि हमारे जीवन को समस्त अस्तित्व के साथ सद्भाव में लाती है।” निश्चित तौर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य इसी से जुड़ा है।
प्रमुख बिंदु:
- 5+3+3+4 Curriculum का structure दिया गया है जो पहले 10+2 था।
- पहले 5 वर्ष की पढ़ाई foundation stage रहेगी, पूर्व प्राथमिक के 3 और पहली और दूसरी कक्षा शामिल, साथ ही खेलकूद व अन्य गतिविधियां भी करायी जायेगी।
- कक्षा 3 से 5 तक की पढ़ाई से छात्रों का भविष्य तैयार किया जायेगा।
- कक्षा 6 से 8 तक की पढ़ाई माध्यमिक स्तर होगी।
- कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई अंतिम स्तर होगा।
- स्कूलों में stream system समाप्त।
- मनपसंद विषय चुन सकते हैं।
- 5 वीं तक की पढ़ाई मातृभाषा में होगी।
- कक्षा 6 से ही Computer Coding तथा Internship भी कर सकते हैं।
- परीक्षा semester system पर आधारित होगी।
- What to think पर नहीं How to think पर बल दिया जाएगा।
- रिपोर्ट कार्ड 360 डिग्री assesment के आधार पर बनेगा।
- ग्रेजुएशन की पढ़ाई अगर आप फर्स्ट ईयर में छोड़ देते है तो भी सर्टिफिकेट मिलेगा।
- 2nd year में डिप्लोमा व 3rd year में बैचलर डिग्री प्राप्त होगी।
- चार साल में रिसर्च के साथ डिग्री प्राप्त होगी। ग्रेजुएशन की इस व्यवस्था को Multiple Entry और Multiple Exit व्यवस्था कहते हैं।
नई शिक्षा नीति का लक्ष्य :
- स्थानिय भाषाओं का विकास।
- आत्मनिर्भर युवा बनाना।
- 2035 तक उच्च शिक्षा में नामांकन 50% बढ़ाना।
- लोकल तथा ग्लोबल दोनों को स्थान।
- किताबों का बोझ कम, ज्ञान ज्यादा।
- रटंत विद्या पर नहीं अब नींव पर बल।
- संस्कृत भाषा को भी बढ़ावा।
- संगीत, कला, साहित्य को बढ़ावा।
- नई शिक्षा नीति 2021 से 2022 तक लागू करना।
Satik vishleshan