आई जानते हैं ‘खबर लहरिया’ और उनके बेखौफ पत्रकारिता के बारें में।खबर लहरिया उन विषयों को सामने लाता है जिन्हें राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मीडिया लाने या नोटिस करने में विफल रहता है। उनका एक अलग दृष्टिकोण है; इसके पत्रकार सरकार की ग्राम विकास योजनाओं की जमीनी जांच करते हैं और उनके निष्कर्षों को उजागर करते हैं।
सही मायनों में यही तो असली पत्रकारिता हैं, आज के समय में कुछ ही ऐसे पत्रकार है जो इस तरह की पत्रकारिता करते हैं। ‘खबर लहरिया’ और उनके पत्रकार आज नये पत्रकारों के लिये एक सही पत्रकारिता का सबक दे रहे हैं। ये बता रहें है कि सही खबर के लिए किसी तामझाम की जरूरत नहीं है, बस सही इरादा होना चाहिए। और सही इरादा होगा तो सच अपने आप सामने आ जायेगा।
इनके ऊपर डॉक्यूमेंट्री बनाने वाले डायरेक्ट र्रिंटू थॉमस और सुष्मित घोष है , जो इस फिल्म के डायरेक्टर्स हैं। इन्होंने ‘राइटिंग विद फायर’ के नाम से डॉक्यूमेंट्री ‘खबर लहरिया’ के ऊपर बनाई हैं। मैंने तो फिलहाल ही ट्रेलर देखा है, लेकिन जितना मैंने देखा है सभी ने कमाल का काम किया है। जो भी ये पोस्ट पढ़ रहा हैं, उसे एक बार ये जरूर देखना चाहिए।
‘राइटिंग विद फायर’ का ट्रेलर आप यहाँ देख सकते हैं :