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Home/News/इंजीनियर डे
News

इंजीनियर डे

Niki
September 15, 2020
Engineers day

महान विद्वान, इंजीनियर, राजनेता, भारत रत्न डाॅ0 मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को उनकी जयन्ती पर शत् शत् नमन।
इंजीनियर दिवस पर हमारे देश के सभी प्रतिभाशाली तथा कुशल इंजीनियरों को बधाई एवं शुभकामनाएं। जो देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हमारे देश का परचम् लहरा रहे हैं।

“डाॅ0 मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया”


Image Credt: Wikipedia

  • जन्म – 15 सितम्बर 1860
  • जन्म स्थान – चिक्काबल्लापुर, कोलार (कर्नाटक)
  • पूरा नाम – डाॅ0 मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया
  • पद – उत्कृष्ट अभियन्ता तथा राजनायक
  • माता का नाम – वेका चम्मा
  • पिता का नाम – श्रीनिवास शास्त्री

सम्मान तथा पुरस्कार:

  • 50 साल तक लंदन इंस्टीट्यूट आॅफ सिविल इंजीनियर्स की मानद सदस्यता।
  • कम्पैनियन ऑफ द इंडियन एम्पायर (CIE)
  • नाइट कमाण्डर ऑफ द इंडियन एम्पायर (KCIE)
  • इंस्टीटयूशन ऑफ इंजीनियर्स (भारत) द्वारा आजीवन मानद सदस्य।
  • 1955 में भारत रत्न।
  • निधन 14 अप्रैल 1962

प्रारम्भिक जीवन:

एम. विश्वेश्वरैया का जन्म एक ब्राम्हण परिवार में हुआ था। उनके पूर्वज आंध्र प्रदेश के मोक्षगुंडम से चिक्काबल्लापुर जाकर बसे थे।मात्र 12 साल की उम्र में पिता की मृत्यु हो गयी थी। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा चिक्काबल्लापुर के प्राथमिक विद्यालय में हुई। वर्ष 1881 में बी.ए. की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। 1883 में एलसीई तथा एफसीई परीक्षा में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया। पूना के साइंस कालेज में उनकी योग्यता को देखकर महाराष्ट्र सरकार ने इन्हें नासिक में सहायक अभियंता के पद पर नियुक्त किया।

योगदान:

इंजीनियरिंग के पढ़ाई के बाद उन्हें मुम्बई के PWD विभाग में नौकरी मिल गई। संसाधनों और उच्च तकनीक के अभाव में भी उन्होंने कई परियोजनाओं को सफल बनाया। कृष्ण राज सागर बाँध, भद्रावती आयरन एंड स्टील वर्क, मैसूर विश्वविद्यालय, बैंक आॅफ मैसूर आदि उपलब्धियां इन्हीं के कठिन प्रयासों से सम्भव हुई।

प्रेरणास्रोत:

सभी अभियन्ताओं के प्रेरणास्रोत एम. विश्वेश्वरैया का जीवन प्रेरक प्रसंगो की खान है। उनकी लम्बी आयु का रहस्य क्या है,पूछने पर डाॅ0 एम. विश्वेश्वरैया ने उत्तर दिया :

जब बुढ़ापा मेरा दरवाजा खटखटाता है तो मैं भीतर से आवाज देता हूँ कि विश्वेश्वरैया घर पर नहीं है, और वह निराश होकर लौट जाता है। बुढ़ापे से मेरी मुलाकात ही नहीं हो पाती तो वह मुझ पर हावी कैसे हो सकता है?

Related tags : 15 September 195515 September in india1955Bharat RatnaEngineer's Day in IndiaEngineers dayभारत रत्न डाॅ0 मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया
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