हिंदू और प्राचीन आयुर्वेदिक समझ के अनुसार, खाद्य पदार्थों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है, उनकी प्रकृति और उपभोग के बाद शरीर में प्रतिक्रिया के आधार पर हैं। यह तीन श्रेणियां है ( राजसिक भोजन, तामसिक भोजन एवम् सात्विक भोजन) तो आज हम आपको सात्विक भोजन के बारे में बताएंगे।
सात्विक भोजन हमारी संस्कृती का एक अहम भूमिका निभाती हैं। सात्विक भोजन को योग भोजन भी कहा जाता हैं जिसमें तेली आहार, मांसाहारी भोजन, लहसुन, प्याज़ और कुछ चुनिंदा दालें को खाना मना है। सात्विक आहार से आपको नेचुरली ऊर्जा प्राप्त होती हैं और यह पचने में भी कम वक्त लेता है, यह आपको शरीरक ऊर्जा तो प्रदान करता ही है साथ ही साथ आपको मानसिक तनाव में भी संतुलन बनाए रखता हैं।
क्या हैं सात्विक भोजन:
अगर हम अपने पूर्वजों को देखे तो वो अपने बुढ़ापे में भी काफी तंदुरुस्त होते थे आज कल की युवा पीढ़ी से कई ज्यादा हट्टे-कट्टे ओर बीमारी रहित जिसके पीछे सात्विक भोजन यानी कि शाकाहार पर जोर देता है, प्याज और लहसुन को छोड़कर। इसे लैक्टो-शाकाहारी भी कहा जाता है’ जो मूल रूप से मीट और मछली के बहिष्कार का मतलब है, लेकिन इसमें डेहरी उत्पाद और शहद शामिल हैं। आहार ‘सत्त्व गुण‘ से संबंधित है, और इस आहार का पालन करने से शरीर और मन का स्वस्थ संतुलन प्राप्त होता है।
सात्विक भोजन के फायदे:
सात्विक आहार हमारे शरीर, मन और आत्मा को असंख्य तरीकों से लाभ पहुंचाता है। हम इसके कुछ विवरण नीचे बताएंगे!
1. अगर आप सात्विक भोजन कर रहे है तो आपको दिन की शुरूआत एक गिलास पानी में नींबू मिलाकर पीना चाहिए। यह शरीर को साफ करता है और विनाशकारी विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाने में सहायता मिलती है।
2. सात्विक भोजन आपके शरीर और मानसिक तनाव में संतुलन बनाए रखता हैं। इससे आपका जीवन यात्रा बड़ती तो है ही ओर साथ ही साथ आप तंदुरुस्त भी रहते हो।
3. सात्विक आहार में हरी पट्टेदार सब्जियां, फल और अंकुरित अनाज शामिल होते हैं और गर्मी से प्रेरित मांस, मछली, प्याज, लहसुन आदि खाद्य पदार्थों से रहित होते हैं।
4. सात्विक भोजन में घी, तेल, नारियल तेल, अंकुरित बीज शामिल हैं इससे खाना स्वादिष्ट बनता है यहां तक कि आपके मोटापे को भी कंट्रोल करता है।
5. सात्विक भोजन करने वाले को कभी गैस की परेशानी नहीं होती जो ज्यादातर लोगो में पाई जाती हैं।
व्रत में भी सात्विक भोजन ग्रहण करना:
सनातन धर्म में व्रत रखने की प्रक्रिया कई युगों से चल रही है। अब तो साइंस ने भी दावा की हफ्ते में एक बार व्रत करना आपके शरीर में बैलेंस बना कर रखता हैं। हिंदू धर्म नवरात्र, शिवरात्रि, सावन महीने आदि जैसे पर्वों में व्रत रखे जाते है।
इन व्रतों में सात्विक भोजन को ही प्राथमिकता दी गई है। कट्टू का आटा, साबूदाने की खिचड़ी, पनीर, फल, नारियल पानी, आदि जैसे आहार समलित्त हैं।
अगले आर्टिकल में हम आपको राजसिक भोजन के फायदे और नुकसान के बारे में बताएंगे। जुड़े रहिए हमारे साथ।।।